अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 2018 : स्वाधीना
आज तो हर एक को पता है कि 8 मार्च अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
है. येह दिन हम सबके के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस अवसर पर हम महिलाओ की सफलता
तथा संघर्ष के बारे मे बात करते है. हर साल सन्युक्त राष्ट्र्पुंज इस अवसर पर एक
विषय चुनते है और उसी पर चर्चा किया जाता है, विभिन्न कार्य्क्रम रक्खे जाते है. इस साल उन्होने जो विषय
चुना है, वह है:
समय है अब: समाजसेविओ कि प्रयास से बदलती नारी-समाज गांव हो
या शहर, नारी
समाज मे बदलाव दिखाई दे रही है. शिक्षा हो या कृषि-क्षेत्र, अंतरिक्ष हो या
खेल का मैदान – हर क्षेत्र मे महिलाए आगे बढ रही है. चाहे गांव हो या शहर, सशक्तिकरण की
दिया जल रही है. और इस बदलाव मे समाजसेविओ कि प्रयास सराहनीय है. समाज के रुढीवादी
सोच की सामना डट्कर करने वाले इन समाज सेविओ को अलग, अलग अग्निपरीक्षा से गुज़रना पडता है. फिरभी
वे समाज को बदलने की प्रयास से पीछे नही हठते. ऐसी भी परिस्थिति होती है जहाँ
महिला समाजसेविओ के चरित्र पर भी उंगली उठाई जाती है – उन पर सामाजिक नियमो को
तोड्ने की आरोप लगती है. पर वे अपने लक्ष्य मे स्थिर रेहते है.
आज दिन है उन समाज के साथियो के प्रयास को और भी आगे बढाने
की. 8 मार्च अंतराष्ट्रीय महिला दिवस कि प्रतिज्ञा यही है. स्वाधीना खास कर आभारी है उन
महिला साथियो कि जिन्होने दूसरी महिलाओ को आगे बढ्ने मे मदद की है. उन्ही के कारण
परिवर्तन की दिया जल उठी है.
लेकिन उनके काम को सराह्ने के साथ साथ यह जानना भी ज़रूरी है
कि किन, किन प्रक्रिया द्वारा वे यह कोशिश करते है.
- महिलाओ की
आर्थिक स्थिति मे सुधार – निजी नाम पर बैंक अकाउंट द्वारा, निजी नाम पर बीमा द्वारा, स्वरोज़गार
द्वारा.
- महिलाओ की
सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध- घरेलू हिंसा के खिलाफ समाज-चेतना बढाना, शादी की
पंजिकरण, ज़मीन और
समपत्ति पर समान अधिकार कायम करना.
- महिलाओ की
स्वास्थ्य और पौष्टिक सुरक्षा – समय-समय पर स्वास्थ्य- जांच, गर्भकालीन सुरक्षा, पौष्टिक
खान-पान, घरेलू
बगीचा द्वारा पारिवारिक पौष्टिक खान-पान मे बढौती.
- महिलाओ की शिक्षा
द्वारा सस्कतिकरण – बेटोयो को आगे पढ्ने और बढने का समान मौका, महिलाओ मे
प्रयोग-शिक्षा मे बढौती, साक्षरता मे बढौती.
हालांकि यह
कार्य सुनने मे तो बडे आसान लगते है. पर समाज मे इनका प्रयोग करना बडा ही कठिन है.
और यही कठिन काम, वे बडे दृढता से करते आ रहे है. इस नारी दिवस पर् हमे यह प्रतिज्ञा करनी
चाहिये कि हम सब इसी प्रयास मे शामिल होंगे और उनकी मदद करेंगे ताकि नारी
सशक्तिकरण पुर्ण रूप से सम्भव हो.
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